तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना,
मेरी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना !
मै क्या बताऊं कैसी परेशानियों में हूं,
काग़ज़ की एक नाव हूं और पानियों में हूं.!
सोचा नही था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे,
रोना भी जरूरी होगा और आसूं भी छुपाने होंगे।
दुआ करो की मै उसके लिए दुआ हो जाऊं,
वो एक शख्स जो दिल को दुआ सा लगता है।।
जिस्म खुश, रूह उदास लिए फिरते हो
ये किस किस्म की मोहब्बत किए फिरते हो।
तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे, मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे।