तस्वीर में साथ होने में और तकलीफ मे
साथ होने में बहुत फर्क होता है।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर
जाएंगे
अपने अपने हिस्से की
दोस्ती निभाएंगे ,
बहुत अच्छा लगेगा जिंदगी
का ये सफर
आप अपने घर से याद
करना
हम अपने घर से
मुस्कुरायेंगे ,
ऐसे ही “कोरोना “को
भारत से भगायेंगे
तन से NEGATIVE
मन से POSETIVE
रहें !!
स्वस्थ रहेंगे हम
और
स्वस्थ रहेगा हमारा देश
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1) वक्त होता है बदलने के लिए,
ठहरते तो बस लम्हे ही हैं ….!!
2) मजदूर था वो मजबूर हो गया
रोजगार उससे ही दूर हो गया
सरहदें तो लांघी थी अमीरों ने
इसमें गरीब का क्या कसूर हो गया
3) “ज़िन्दगी गुज़र जाती है ये ढूँढने में कि,
ढूंढना क्या है अंत में तलाश सिमट जाती है
इस सुकून में कि, जो मिला वो भी कहाँ साथ
लेकर जाना है ”
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किसी को गीता में ज्ञान ना मिला,
किसी को क़ुरान में ईमान ना मिला,
उस बंदे को आसमान में रब क्या मिलेगा,
जिसे इंसान में इंसान ना मिला !
हमारे जीवन की सभी समस्याओ की वजह
सिर्फ दो शब्द हे –
“जल्दी” और “देर”
हम सपने बहुत जल्दी देखते हैं ..
और कार्य बहुत देरी से करते हैं।
हम भरोसा बहुत जल्दी करते हैं ..
और माफ करने मे बहुत देर करते हैं।
हम गुस्सा बहुत जल्दी करते हैं ..
और माफी बहुत देर से माँगते हैं।
हम हार बहुत जल्दी मानते हैं ..
और शुरुआत करने मे बहुत देर करते हैं।
हम रोने मे बहुत जल्दी करते हैं ..
और मुस्कुराने मे बहुत देर करते हैं।
बदलें “जल्दी” वरना
बहुत “देर” हो जाएगी.
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किसी से कोई तुलना नहीं
हम जैसे हैं बेहतर है..!!
अकाल हो अगर अनाज का,
तब मानव मरता है.
किन्तु
अकाल हो अगर संस्कारों का,
तो मानवता मरती है!
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं
और र्इमानदारी से
बड़ी कोई विरासत नहीं !!
ख़याल हूँ, जुनून हूँ, नफ़रत हूँ, प्यार हूँ या गुरूर हूँ
शर्म हूँ, याद हूँ, फ़ितरत हूँ आदत हूँ या भूल हूँ,
जो भी हूँ,
बस मैं फरेब नही हूँ !
ज़रा-सा तुमसे क्या आगे बढ़ा हूँ,
तुम्हारी आँख में चुभने लगा हूँ ?
तुम्हारे क़द से क़द कुछ कम है मेरा,
तुम्हारी सोच से लेकिन बड़ा हूँ !
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एक दिन
बड़े सवेरे
सूरज को इक्षा हुई
कि उसे भी अपनी परछाई देखनी है
छोटी मोटी हिलती डोलती ही सही
देख जो लिया था उसने
बस स्टॉप पर
बच्चों को परछाई से खेलते
जो उनके पैरों से हमेशा जुड़ी रहती
किसी से जुड़े रहने की ललक में
वह कभी बादलों के पीछे जाता
कभी धरती और चाँद से आग्रह करता
पर परछाईं का कोई तरीका न सूझता उसे
जो पूरी दुनिया की परछाई
का स्रोत है
उसे खुद की परछाई का स्रोत नहीं मिला
इसलिए अंत में हार कर
वह छोड़ता है यह दायित्व कवि पर
कि बना के दिखाए सूरज की परछाई
ऐसे तो बड़ी डींगे हाँकता है कवि
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मैंने कल एक झलक जिंदगी को देखा,
वो मेरी राह में गुनगुना रही थी …
मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर,
वो ऑंख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी …
एक अरसे के बाद आया मुझे करार,
वो थपकी दे मुझे सुला रही थी …
हम दोनों क्यों ख़फा हैं एक दुसरे से,
मैं उसे और वो मुझे बता रही थी …
मैंने पुछा तूने मुझे इतना दर्द क्यों दिया ?
उसने कहाँ मैं जिंदगी हू …
“तुजे जीना सीखा रही थी”
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क्रोध, गुस्सा, नफरत
ये सब Slow poison हैं…
इन्हें पीते हम खुद हैं और सोचते हैं
मरेगा कोई दूसरा!
ये तो नामुमकिन है
इससे अच्छा है खुशी, प्यार…
पियें और पिलायें।
‘बदलना’ तय है !
हर चीज़ का.. इस संसार में…!
बस कर्म अच्छे करें..
किसी का जीवन बदलेगा
किसी का ‘दिल’ बदलेगा,
तो.. किसी के ‘दिन’ बदलेंगे…!
सदा मुस्कुराते रहिये
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घर गुलज़ार,सूने शहर,
बस्ती बस्ती मे क़ैद हर हस्ती हो गई
आज फिर ज़िंदगी महँगी
और दौलत सस्ती हो गई।
भेजते रहीये
अपनेपन के रंग
एक दूसरे तक,
मुलाक़ात चाहे
जब भी हो,
अपनेपन का
एहसास तो रोज़
महसूस होता रहे….
स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें…
मिट्टी के इतिहास में मिट्टी के खिलौने हैं
खिलौनों के इतिहास में हैं बच्चे
और बच्चों के इतिहास में बहुत से स्वप्न हैं
जिन्हें अभी पूरी तरह देखा जाना शेष है
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…दुनिया में यूँ ही होता है…
जब जब दर्द का बादल छाया,
जब गम का साया लहराया…
जब आँसू पलकों तक आया,
जब ये तनहा दिल घबराया…
हमने दिल को ये समझाया,
दिल आखिर तू क्यों रोता है…
…दुनिया में यूँ ही होता है…
ये जो गहरे सन्नाटे हैं,
वक्त ने सब को ही बांटे हैं…
थोडा गम है सबका किस्सा,
थोड़ी धुप है सब का हिस्सा…
आँख तेरी बेकार ही नम है,
हर पल एक नया मौसम है…
क्यूँ तू ऐसे पल खोता है,
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है…
…दुनिया में यूँ ही होता है…
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खूबसूरत है ……… वो लब, जिन पर दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए !!
खूबसूरत है ………… वो दिल, जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए !!
खूबसूरत है ………. वो जज़बात, जो दूसरो की भावनाओं को समझ जाए !!
खूबसूरत है ..…….. वो एहसास, जिस मे प्यार की मिठास आ जाए !!
खूबसूरत है ………. वो बातें, जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ !!
खूबसूरत है ………. वो आँखे, जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए !!
खूबसूरत है ……..… वो हाथ, जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए !!
खूबसूरत है ……….. वो सोच, जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी छुप जाए !!
खूबसूरत है …….… वो दामन, जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए !!
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कुछ बाते जरूर याद रखें। 👇
1) अकेले रहने से ना डरें।
2) पिछली बातों को याद न करें।
3) सारी दुनिया की जिम्मेदारी आप पर नहीं है,
यह समझें।
4) परिणामों के जल्दी आने की उम्मीद ना करें।
5) सभी को खुश रखने की कोशिश ना करें।
6) खुद को बेचारा न समझे।
7) उन चीजों पर वक्त जाया ना करें,
जो आपके नियंत्रण में नहीं है।
8) दूसरों को अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़
ना करने दें।
9) दूसरे लोगों की सफलता पर जलन का अनुभव
ना करें।
10) जिम्मेदारियों से ना भागें।
11) एक बार कोशिश में असफलता मिलने पर
प्रयास करना ना छोड़े।
12) हमेशा नपे तुले जोखिम उठाने की कोशिश करें।
13) अपने सपनों का पीछा करें ना कि लोगों का।
14) खुद से प्यार करना सीखें उसके बाद सब ठीक होता
चला जाएगा।
15) आप जितना सोचते हैं,
आप उससे कहीं ज्यादा काबिल हैं।
16) जब तक कोई काम हो नहीं जाता वह असंभव
ही लगता है।
17) जिस चीज की कीमत होती है
वह आसानी से हासिल नहीं होती।
18) आप की एकमात्र सीमा आप खुद ही हैं।
19) किसी चीज का इंतजार ना करें,
क्योंकि जीवन की गति बहुत ही तेज है।
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जो
आपके मन की भावनाओं को समझते हैं,
कहा भी तो गया कि,
“जलो वहां जहां जरूरत हो,
उजालों में चिराग़ों के मायने नहीं होते…!”
एक कहावत है…
“जिसे आप प्यार करते हों,उसे आजाद कर दीजिए” अगर वो आपका हुआ और लौट आया। तो वो फिर हमेशा के लिये आपका होकर रह जायेगा।
और नहीं लौटा तो
वो आपका था हीं नहीं….
क्या कहने जितना आसान है ये…?
नहीं बिल्कुल नहीं….
मैं जानता हूँ वो जाकर नहीं लौटेगी। उसे मुझसे बेहतर कौन जानेगा।
महज इसलिए उसे आजाद कर देना क्या सही होगा..? आई नीड हर…
मैं उसे खोना अफ़्फोर्ड नहीं कर सकता। कहावतों से काफी अलग होती है सच की दुनियां। कागजों पे लिख देने भर जितने नहीं होते रिश्ते…
ज़िंदगी जलती हुई मोमबत्ती के समान महसूस हो रही। जहां मोम की तरह वक़्त पिघलता जा रहा। और अभी रात सारी बाकी है…
अंधेरों से डर लगता है मुझे। और उजाला तो उसके होने से है….
ऐसे कैसे फिर आज़ाद कर सकता हूँ….
✍️
लिखना चहिए एक
“प्रेम पत्र”
उस शख्स को
जिनसे आप
सब कुछ कहना चाहकर भी
कुछ कह नहीं पातें।
कहने के बजाय
नजरें झुका कर
सिर्फ बाहों में सिमट जातें हों।
अनकहे एहसास
हमें अंदर से बेचैन रखती हों।
तुम्हारी आँखों में भी
देखा है मैंने
बादलों सी भरी
एहसास
जो बरस कर
सब कह जाना चाहती है।
तो कह दो ना
लिखकर
तुम भी
एक प्रेम पत्र में
वो सब कुछ
जो मुझे सुनना है
और तुम्हें मुझसे कहना।
शिकायत और दुआ मे जब एक ही शख़्स हो
.
.
तो समझ लो इश्क़ करने की अदा आ गयी तुम्हें..
और फिर उठ कर चली गई
गुरुर तो देखो तन्हाई का ये
भी बेवफ़ा हो कर चली गई
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जब कोई “हाथ” और “साथ”
दोनों ही छोड़ देता है,
तब “कुदरत” कोई न कोई
उंगली पकड़ने वाला भेज देती है,
इसी का नाम “जिदंगी” है…!!
मुस्कुरा कर चलते रहिए..!!
सहयोग एक बहुत ही महंगी चीज़ है,
इसकी हर किसी से उम्मीद न रखे क्योकि,
बहुत ही कम लोग दिल के अमीर होते हैं ..!!
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या तो किसी के दिल में या किसी के दुआओ में।
ताकि जवाब भी खूबसूरत मिले।
हर दफा जंग का आगाज करदो,
मेरी मानो
गलती अगर छोटी हो तो नजरअंदाज करदो।
बड़े चुप चुप रहने लगे हो,
अब खुद से लड़ते हो क्या ?
कैसे हार जाऊं मैं इन तकलीफों के आगे,
मेरी तरक्की की आस में माँ कब से बैठी है।
अनुभव कभी गलत नहीं होता
क्योंकि अनुमान हमारे जीवन की
कल्पना होती है परंतु
अनुभव जीवन की सीख होती है।
शब्द ही तो हैं थोड़े खर्च कर लो
सबसे मीठे बोल बोलकर..
ऐसे भी एक दिन खामोश तो हो ही जाना है।